मंडल अधिकारी और तलाठी निलंबित, तहसीलदार के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क

     लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क 
 अवैध रेत खनन और गौण खनिज परिवहन के मामले में मंडल अधिकारी राजू खोबरागड़े और तलाठी अश्विनी शेडमेक को निलंबित कर दिया है . इसके अलावा तहसीलदार नीलेश होनमोरे के खिलाफ भी जांच तथा स्थानांतरण की सिफारिश भी आयुक्त से करीब की गई है।
यह कार्यवाही गडचिरोली जिला के कलेक्टर अविष्यंत पंडा ने की है।
बता दें कि, मीडिया के माध्यम से बार-बार शिकायतें मिल रही थीं कि सिरोंचा तालुका में रेत माफिया का बोलबाला है और राजस्व विभाग इसे नियंत्रित करने में लापरवाही बरत रहा है। इस पर संज्ञान लेते हुए, जिला कलेक्टर ने तुरंत उप-विभागीय अधिकारी, अहेरी को जाँच के आदेश दिए।
2 अक्टूबर को मौजा मद्दीकुंठा और चितारेवाला में रेत खदानों की मौके पर जाँच की गई और 15,665 ब्रा रेत के अवैध भंडार पाए गए और इसके लिए 29 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। यह भी पाया गया कि रेत उत्खनन और परिवहन के लिए दो जेसीबी, एक पोकलैंड मशीन और पाँच ट्रकों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस जाँच में राजस्व अधिकारियों की निष्क्रियता उजागर होने पर, जिला कलेक्टर ने तहसीलदार नीलेश होनमोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनके खिलाफ कार्रवाई और उनके स्थानांतरण करणे की शिफारस संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी से की है।
इस बीच, राजस्व विभाग के सरकारी निर्णय के अनुसार, ग्राम राजस्व अधिकारी (तलाठी) से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने अधिकार क्षेत्र में रेत खदानों का नियमित निरीक्षण करें और अवैध उत्खनन के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट करें। हालोंकि, जाँच में पता चला कि  अश्विनी शेडमेक ने इस ज़िम्मेदारी को निभाने में लापरवाही बरती। इसी तरह, मंडल अधिकारी राजू गणपतराव खोबरागड़े भी रेत खदानों का निरीक्षण करने और दैनिक रिकॉर्ड बनाए रखने में लापरवाही बरतते पाए गए। इसलिए, उन्हें भी ज़िला कलेक्टर ने 15 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि ज़िले में राजस्व व्यवस्था अवैध रेत उत्खनन के मामले में सतर्क रहे और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।