खेलने-कुदने की उम्र में कर दिया बढा अपराध लोकशाही एक्सप्रेस गोंदिया

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जो उम्र खेलने-कुदने की होती है और अपने भविष्य को सवारने के लिए प्रायमरी की पढाई की जाती है। उस उम्र में इन दिनों बड़े संघिन अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। वर्तमान में बड़े अपराधों में नाबालिगों की संख्या भी अधिक देखी जा रही है। जिससे पुलिस प्रशासन के अलावा समाज भी परेशान है। इसी तरह का एक अपराध गोरेगांव पुलिस थाना अंतर्गत 19 अगस्त को सामने आने से हड़कंप मच गया है। कक्षा 10वीं के एक नाबालिग छात्र ने साढ़े तीन वर्ष की मासूम पर घिनौनी हरकत कर अत्याचार किया है। इस घटना में उस नाबालिग को पुलिस ने हिरासत में लेकर उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया है। गोरेगांव पुलिस ने संबंधित मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (2), धारा 6 पोस्को एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इस मामले की जांच पुलिस उपनिरीक्षक निरीक्षक सुजित घोलप द्वारा शुरू कर दी गई है। 

गोरेगांव पुलिस थानांतर्गत 19 अगस्त को नाबालिग छात्र द्वारा साढे तीन साल की मासूम पर अत्याचार की घटना सामने आने से एक बार फिर गोरेगांव तहसील चर्चा में आयी है, जो घटना घटित हुई है, वह समाज के लिए चिंताजनक प्रवृत्ती को रेखांकित करती है। इस संदर्भ में गोरेगांव पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 वर्ष के नाबालिग ने ग्राम की ही तीन वर्ष 5 माह की मासूम को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया और उस पर घिनौनी हरकत कर अत्याचार किया। घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ित परिजनों ने गोरेगांव पुलिस थाने में 20 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई। घटना की गंभीरता को देखते हुए गोरेगांव पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर घटना का पंचनामा करते हुए उस नाबालिग को हिरासत में लेकर उसे भंडारा में स्थित बाल सुधार गृह मंे भेज दिया। इस घटना में गोरेगांव पुलिस थाने में उपरोक्त विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।