जान जोखिम में डालकर कराया जाता था काम, दीवार गिरी,मलमे में दबकर दो मजदुरों की मौत लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज गोंदिया

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सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, इमारत निर्माण कार्य जान जोखिम में डालकर मजदूरों से कराया जा रहा था काम, और दीवार गिरी, दो मजदूर दबे, घटना में दो अविवाहित मजदूरों की मौत हो गई है। यह घटना 1 अक्टुबर को गोंदिया शहर के अतिव्यस्त इलाके शहर पुलिस थाना से मात्र  200 मीटर पर घटित हुई है। मृतक मजदुरों का नाम गोंदिया तहसील के बिरसी निवासी अक्षय कन्हैया पाचे (25) एवं डांगोर्ली निवासी जितेन्द्र लखनलाल बाहे (27) बताया गया है। अब सवाल निर्माण होता है कि इस घटना की मुख्य वजह क्या है? इस क्षेत्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि, निर्माण काम कराते दौरान मजदूरों को सुरक्षा के कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते, ठेकेदार  ऐसे काम का ठेका लेते है ज़ो जोखिम भरा होता है, पुरानी इमारत पर ही नया निर्माण कार्य कराया जाता है। जिससे पुरानी इमारत की जीर्ण दीवार गिरने की संभावना बढ़ जाती है। मजदूरों का कोई बीमा नहीं निकाला जाता है। इतना ही नहीं तो अधिकांश ठेकेदार लाइसेंसी नहीं होते, थोडासा अनुभव आने के बाद सीधे निर्माण कार्य के ठेके ले लेते हैं। सबसे बड़ी गलती उन मालिकों की भी होती है जीर्ण इमारत या दीवारों पर मरम्मत कर नया निर्माण का कार्य बगैर लाइसेंसी ठेकेदार को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपते है। जिस वजह से इस तरह की दुर्घटना घटित होती है। संबंधित विभाग ने
 यदि इन पहलूओ पर कार्य करें तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
बता दे कि, शहर पुलिस थाने से 200 मीटर दुरी पर स्थित अनिल जैन नामक व्यक्ति की गृहशोभा कपड़ा दुकान है। नई दुकान निर्माण का काम ठेकेदार के माध्यम से चल रहा था, जहां पर अक्षय पाचे और जितेन्द्र बाहे यह दो मजदुर अन्य मजदुरों के साथ निर्माणकार्य कर रहे थे। पुरानी दिवार से लगकर कॉलम तैयार किया जा रहा था। इसी दौरान पुरानी दिवार गिर गई। घटना में अक्षय पाचे व जितेन्द्र बाहे यह दोनो मजदुर दिवार की चपेट में आ गए। इस घटना में अक्षय पाचे की घटनास्थल पर मौत हो गई, वहीं जितेन्द्र बाहे गंभीर रूप से घायल होकर उसे उपचार के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उपचार के दौरान जितेन्द्र बाहे ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन तथा पुरे गांव में शोक की लहर छा गई। समाचार लिखे जाने तक पुलिस द्वारा पंचनामे की प्रक्रिया जारी थी।
 *इकलौता बेटा था मृतक अक्षय* 
इस संदर्भ में जानकारी दी गई कि, अक्षय पाचे अविवाहित होकर वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। परिवार की जिम्मेदारी अक्षय पर ही थी, उसके भरोसे पर ही परिवार का जीवनयापन चलता था। लेकिन इस हादसे में अक्षय की मृत्यु हो जाने से परिवार का सहास छिन गया है।
 
 *8 दिन पूर्व ही जितेंद्र की हुई थी सगाई
डांगार्ली निवासी जितेन्द्र बाहे यह ठेकेदार अनिल चौरागड़े के पास अक्षय पाचे के साथ काम करता था। 
8 दिन पूर्व ही िजतेन्द्र बाहे की, सगाई हुई थी और जल्द ही नए वर्ष में विवाह होने वाला था। लेकिन इस हादसे ने परिवार की खुशियां गम में बदल दी। बताया गया है कि, गंभीर हालत में जितेन्द्र बाहे को एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां पर कुछ ही देर में जितेन्द्र ने दम तोड़ दिया।