लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क
पहले ही जिला परिषद स्कुलों में शिक्षकों की कमी खल रही है। वहीं दुसरी ओर शिक्षकों को मतदाता सुची तैयार करने का काम सौंपा जा रहा है, जिससे शिक्षकों को शारिरीक, मानसिक परेशानियों का सामना तो करना ही पड़ता है, लेकिन सबसे अधिक नुकसार विद्यार्थियों को पहुँच रहा है। जिसे देखते हुए बुधवार 30 जुलाई को आयोजित गोरेगांव पंचायत समिति के सभागृह में बीएलओ प्रशिक्षण पर शिक्षकों ने बहिष्कार कर इस कार्य से मुक्ती मिलने का ज्ञापन भी तहसीलदार को सौंपा गया है, जिससे बीएलओ के प्रशिक्षण को रद्द करना पड़ा।
बता दे कि, जिला परिषद स्कुलों में शिक्षकों की कमी के अलावा विभिन्न भौतिक सुविधाओं की कमी के कारण विद्यार्थियों की संख्या में कमी आ रही है, जिससे जिला परिषद की अनेक स्कुलों का अस्तित्व खतरे में आ गया है और एैसे में शासन जिला परिषद शालाओं के शिक्षकांे पर अशैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी सौपी जा रही है। मतदाता सुची तैयार करने तथा अन्य मतदान प्रक्रिया संबंधित काम करने की जिम्मेदारी जिला परिषद शिक्षकों को दी गई है, जिसका विरोध शिक्षक कृती महासंघ की ओर से किया जा रहा है। इसके पूर्व भी बीएलओ के काम न करने का निवेदन दिया गया था, इसके बावजुद भी बुधवार 30 जुलाई को गोरेगांव पंचायत समिति सभागृह में मतदाता सुची के लिए बीएलओ को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण पर शिक्षकों ने बहिष्कार कर दिया है। जिससे एेन समय पर कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा। उसके बाद शिक्षकों ने तहसीलदार को बीएलओ काम से मुक्ती दिलाने का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान तहसील के 56 से अधिक बीएलओ शिक्षकों का समावेश था।