लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क गोंदिया
वृक्षों की कटाई से पर्यावरण का संतुलन बिगड रहा है, जिससे भविष्य के लिए बड़े संकट का संकेत है। पर्यावरण को बचाने के लिए गोंदिया की धरा पर वन विभाग व सामाजिक वनीकरण की ओर से सैकडों हेक्टेयर क्षेत्र पर 3 लाख से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण करने के लिए दोनों विभागों ने तैयारी कर ली है। इसके लिए सामाजिक वनीकरण व वन विभाग सैकडों हेक्टेयर बंजर जमीन पर 3 लाख से अधिक गड्ढे खोदकर पर्यावरण को बचाने के लिए तैयार हो चुका है।
बता दें कि इन दिनों विकास के नाम पर विशालकाय वृक्षों की बली चढ़ा दी जा रही है। यहां तक की बड़े प्रकल्पों के लिए सैकडों हेक्टेयर जमीन भूसंपादित कर हरियाली नष्ट करने का काम किया जा रहा है। यहीं एक वजह है कि पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। अकेले गोंदिया जिले में 42 प्रतिशत में जंगल फैला हुआ है, लेकिन अकेले गोंदिया की हरियाली से पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन को रोका नहीं जा सकता। धरती की हरियाली बनी रहे और पर्यावरण का संतुलन अच्छा रहे इसी उद्देश्य को लेकर इस वर्ष वन विभाग व सामाजिक वनीकरण की ओर से सैकडों हेक्टेयर क्षेत्र पर 3 लाख से अधिक पौधों का रोपण कराने का नियोजन कर लिया गया है। इस संदर्भ में सामाजिक वनीकरण विभाग की ओर से बताया गया है कि इस वर्ष बारिश के मौसम में लगभग 2 लाख पौधारोपण किया जाएगा। जिसमें अभीसरन योजना व मनरेगा योजना का समावेश है। इसी प्रकार वन विभाग की ओर से भी 100 हेक्टेयर क्षेत्र पर विभिन्न प्रजाती के 1 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जा रहा है। पर्यावरण का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए 5 जून को पर्यावरण दिन के अवसर पर पौधारोपण, स्वच्छता अभियान सहित विभिन्न जनजागृति के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सामाजिक वनीकरण के सहायक उपवन संरक्षक प्रकाश तडस व वन विभाग के सहायक उपवन संरक्षक प्रकाश डोंगरवार ने गोंदियावासियों से आव्हान किया है कि पर्यावरण को बचाने के लिए हर व्यक्ति ने विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजनों पर पौधारोपण कर धरती को हरा-भरा बनाए।