लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क
सरकार द्वारा किसानों को 12 घंटे बिजली की आपूिर्त करने का दावा किया जाता है। तो दुसरी ओर किसानों को 12 घंटे बिजली की आपूर्ति महावितरण असफल साबित हो रहा है। अब ताे महावितरण ने एक अपने स्तर पर अफलातुन निर्णय लेते हुए कृषि पंपों को रात 2 बजे के बाद बिजली की आपूर्ति करना शुरू किया है, जिसे देखते हुए किसानों में महावितरण के खिलाफ तीव्र असंतोष निर्माण हो गया है। इस तरह की स्थिति गोरेगांव तहसील के तेढा विद्युत विभाग क्षेत्र में देखी जा रही है। इस विषय का लेकर बुधवार 2 अप्रैल को क्षेत्र के 150 से 200 किसान तेढा में स्थित महावितरण कार्यालय में पहुँचकर 12 घंटे बिजली की आपूर्ति करने की मांग की है। जानकारी मिलते ही पंचायत समिति उपसभापति रामेश्वर महारवाडे किसानों के बीच पहुंचकर किसानों की समस्या को तत्काल हल कर 12 घंटे बिजली देने के निर्देश महावितरण विभाग को दिए। हकीकत यह भी है कि महावितरण की भी एक मजबूरी है, तकनीकी खराबी को लेकर इस तरह के स्थानीय स्तर पर निर्णय लिए जाते है। ताकि किसानों के साथ जनसामान्य को तकलीफ ना हो।
समाचार इस प्रकार है कि,महावितरण के तेढा उपकेन्द्र से क्षेत्र से किसानों को कृषि पंपों के लिए 12 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही थी। किसानों में कृषि पंपों पर अाधारित सैकड़ों हेक्टर खेती में रब्बी धान की फसल की बुआई की। लेकिन पिछले 15 दिनों से तकनीकी कारणों को लेकर बिजली की आपूर्ति कभी भी खंडित की जा रही है। जिस वजह से समय पर फसलों को पानी नहीं मिलने के कारण फसलें सुखने लग गई है। कुछ दिनों तक महावितरण द्वारा 12 घंटे बिजली की आपूर्ति की गई, लेकिन 2 दिनों से महावितरण ने बिजली आपूर्ति की स्थिती को देखते हुए एक अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए कृषि पंपों के लिए रात 2 बजे से बिजली की आपूर्ति शुरू की गई है। रात 2 बजे बिजली की आपूर्ति किए जाने के कारण को लेकर किसानों में महावितरण के खिलाफ असंतोष निर्माण हो गया। किसानों का कहना है कि, रात 2 बजे बिजली की आपूर्ति से किसान रात के अंधेरे में खेतों में कैसा जाएंगा। क्योंकि यह क्षेत्र जंगलों से सटा होकर हिंसक प्राणीयों का िवचरण रहता है। वहीं रात के दौरान जहरीले सांप व किडे-मकोडे का डर बना रहता है। जिसे लेकर बुधवार 2 अप्रैल को किसान तेढा महावितरण उपकेन्द्र में पहुँचने लगे। दोपहर 12 बजे तक लगभग 150 से 200 किसानों की भीड़ एकत्रित हुई और एक निवेदन देकर मांग की गई कि, रात 2 बजे की बिजली की आपूर्ति बंद की जाए और पुरवत्त 12 घंटे आपुर्ति की जाए। निवेदन देते समय किसान डा.विवेक मेंढे, एस.डी.रहांगडाले, गणेश्वर मेंढे, सुरेन्द्र रहांगडाले, खुमेन्द्र मेंढे, पुरूषोत्तम ब्राम्हणकर, किशोर मारबते, देवा नाईक, महेश घासले, रविन्द्र चौधरी, सावलराम मुनेश्वर सहित आदि किसान उपस्थित थे।