बाघ का मिला कंकाल

 लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क 
देवरी तालुका के चिचगड़ वन क्षेत्र के अंतर्गत मलकाजरी सेल क्रमांक 802 में सड़ी-गली अवस्था में बाघ का शव मिलने की घटना शुक्रवार (28) दोपहर को सामने आई। अनुमान है कि बाघ की मौत पांच से छह दिन पहले हुई होगी। चूंकि बाघ का शरीर पूरी तरह सड़ चुका था, इसलिए वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि उसकी मौत पांच से छह दिन पहले हुई होगी।
शुक्रवार दोपहर जब वन रक्षक चिचगढ़ वन क्षेत्र के अंतर्गत मलकाजरी सेल नंबर 802 क्षेत्र में गश्त कर रहे थे, तो उन्हें एक जलाशय के पास सड़ी-गली अवस्था में एक बाघ का शव मिला। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना वन्यजीव विभाग के उप वन संरक्षक प्रमोद पंचभाई और वन अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर उप वन संरक्षक प्रमोद पंचभाई अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे,और निरीक्षण किया।
बाघ का शरीर पूरी तरह सड़ चुका था। उसकी गर्दन के पास कुछ निशान पाए गए। इसके अलावा, क्षेत्र में लगे एक चिन्ह से यह बात सामने आई कि बाघ को मारने के बाद उसे पांच सौ मीटर तक घसीटकर एक जलाशय तक ले जाया गया। वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि बाघ की मौत दो बाघों के बीच लड़ाई में हुई होगी। शव की स्थिति के आधार पर पता चला कि बाघ की मौत पांच या छह दिन पहले हुई थी।