लोकशाही एक्सप्रेस गोंदिया
गोंदिया: गोंदिया वनपरिक्षेत्र अंतर्गत रावानवाड़ी क्षेत्र के मौजा माकड़ी में एक खेत में विचरण करते समय करंट लगने से एक सारस पक्षी की मौत हो गई। यह घटना बुधवार, 26 मार्च की सुबह प्रकाश में आई। गोंदिया जिला प्रशासन और वन विभाग द्वारा गोंदिया जिले में सारसों के संरक्षण के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बावजूद, सारस अभी भी कभी बिजली के झटके से तो कभी जहरीला भोजन खाने से मर रहे हैं। इसी तरह, बुधवार को माकड़ी गांव में ग्रामीणों ने सुबह करीब नौ बजे वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी कि एक सारस बिजली के झटके से मृत पाया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए सारस को तुरंत गोंदिया स्थित पशुपालन विभाग कार्यालय ले जाया गया। वहां शव-परीक्षा की गई।
वह नर था और पाँच महीने का था। वह पूरी तरह से वन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में था। दो महीने पहले वन विभाग ने उसे टैग किया था। उनके बाएं पैर में 077257 नंबर वाली अंगूठी पहनाई गई। मंगलवार की शाम को ग्रामीणों ने हंस को माकडी में गणपत तुरकर के खेत के आसपास घूमते हुए देखा। लेकिन बुधवार की सुबह वह मृत पाया गया। बुधवार सुबह गोंदिया में पोस्टमार्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम. मुरुगनन्थम, डीएफओ प्रमोद पंचभाई, वन संरक्षक (तेंदू एवं कैम्पा) अविनाश बी. मेश्राम, वनपरिक्षेत्राधिकारी गोंदिया डी.एच. कौशिक, गोंदिया तहसीलदार शमशेर पठान, मानद वन्य जीव संरक्षक वन्य जीव विशेषज्ञ मुकुंद धुर्वे, हिरवल बहुउद्देशीय संस्था गोंदिया के संचालक रूपेश निंबार्ते, संचालक पशुधन विकास अधिकारी खमारी के डॉ. राकेश गोबडे, पशुधन विकास अधिकारी दासगांव डॉ. अश्विनी जौलकर, कुड़वा गांव के सरपंच बालकृष्ण लक्ष्मीचंद पटले सहित सभी समिति सदस्य उपस्थित थे।