गोरेगांव पंचायत समिति सभापति पद का आरक्षण 10 जनवरी को दोपहर 12:00 बजे घोषित किया गया । जिसमें सभापति पद सर्वसामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है। आरक्षण घोषित होते ही सभापति पद के लिए दौड़ शुरू होकर सभापति पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार के रूप में मुंडीपार पंचायत समिति सदस्य शीतल ताई बिसेन को देखा जा रहा है। क्योंकि गोरेगांव पंचायत समिति में सबसे अधिक वोटो से जीत हासिल करने वाली महिला सदस्य है। वहीं दूसरी ओर सभापति की रेस में वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता पाथरी पंचायत समिति की सदस्य नलिनीताई सोनवाने व डवा पंचायत समिति सदस्य पूर्व पंचायत समिति सभापति चित्रलेखाताई चौधरी को भी देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि भाजपा के जनप्रतिनिधि तथा वरिष्ठ पदाधिकारी किस नाम को सभापति पद के लिए सूचित करते हैं।
बता दे कि, गोरेगांव पंचायत समिति सभापति पद के लिए आरक्षण 10 जनवरी को जिला अधिकारी कार्यालय में जाहिर किया गया । जिसमें सभापति पद के लिए सर्वसाधारण महिला आरक्षण निकाला गया। सभापति पद मुझे ही मिले इसके लिए भाजपा की महिला पंचायत समिति सदस्यों मे स्पर्धा शुरू हो गई हैं। गोरेगांव पंचायत समिति की राजनीति मे चर्चा शुरू हो चुकी हैं कि, मुंडीपार पंचायत समिति सदस्य शीतल ताई बिसेन को सभापति पद दिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि उनके काम करने की शैली को नागरिकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। वही सबसे अधिक वोटो से चुनकर आनेवाली गोरेगांव पंचायत समिति के सदस्यों मे से एक है। इसी प्रकार पाथरी पंचायत समिति सदस्य तथा भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता नलिनी ताई सोनवाने व पूर्व सभापति डव्वा पंचायत समिति सदस्य चित्रलेखाताई चौधरी को भी प्रबल दावेदारों के रूप मे देखा जा रहा है। उल्लेखनीय यह है कि यहां भाजपा के पास पूर्ण रूप से बहुमत हासिल होने से सभापति व उपसभापति भाजपा से ही बनना तय है।
*2013 मे चित्रलेखा चौधरी को बनाया गया था सभापति*
यहां बता दे कि पंचायत समिति सदस्य चित्रलेखा चौधरी को 2013 मे गोरेगांव पंचायत समिति का सभापति पद दिया गया था। जिसे देखते हुए जनता मे चर्चा शुरू हो गई कि, कि इस बार भाजपा पार्टी से अन्य पंचायत समिति सदस्यों को सभापति पद दिया जा सकता है। वही दूसरी ओर उपसभापति पद के लिए भी दौड़ शुरू हो गई है। उपसभापति पद के लिए अनेक नामों की चर्चा है जिसमें पंचायत समिति सदस्य रामेश्वर मारवाडे किशोर पारधी , लिंबा पंचायत समिति सदस्य रमेश पंधरे के नामों का समावेश है। बताया जा रहा है कि जिस दिन आरक्षण की घोषणा होती है उस दिन से सात दिनों के भीतर चुनाव करना अनिवार्य होता है। अब देखना यह है कि सभापति, उपसभापति पद के लिए भाजपा के जनप्रतिनिधि, व पदाधिकारी किस नाम को पसंद कर सूचित करते है
भरत घासले